सोमवार, 10 मई 2010

वरिष्ठ जनों का शुक्रिया


पिछले दिनों बहुत कुछ ऐसा महसूस किया जिसने मुझे मानसिक रूप से थका दिया..कारण क्या है वो तो बहुत से लोग जानते है ...और जो नहीं जानते वो बस यू ही समझ ले की ज़िन्दगी के शुरवाती दौर में कुछ ऐसे कशमकश भरे पल जिए जिनको हर कोई जीता है ........पर कई बड़े लोगो की बाते सुनकर ,उनके अनुभवों को जानकर फिर से ताकत जुटा पाया हू
...बहुत से लोगो को मेरे बारे में ज्यादा नहीं पता है की मै किस क़िस्म का हू मै क्या सोचता हू और कितना मित्रवत हू......खैर जाने दो ..जो मुझे समझते है वो कभी मेरा उपहास नहीं उड़ायेंगे.ये तो हुई उन लोगो की बात जिनको मै पहले से जानता हू ....पर इस दौरान बड़े लोगो की बाते सुनने मिली जिन्होंने जीवन की असलियत को समझाया
एक कविता लिखी थी मैंने जो आज भी मेरे पर फिट बैठती है........


#02 मै बस चलता ही जा रहा हू
थकान आती है कभी. पर फिर भी आगे निकलता ही जा रहा हू
कोशिश तो ये ही रहेगी सबको साथ लेकर चलू
पर स्वार्थी दुनिया के बोझ तले दबता ही जा रहा हू
है साहस इसलिए अब तक डिगा हू
वरना सच कहू तो तिल तिल मरता जा रहा हू
खुद पर है विश्वास इतना की कुछ कर जाऊंगा
और भीड़ में खड़ा मुस्कुराऊंगा
मुश्किलों को काट कर खुद को निभा रहा हू
मै बस चलता ही जा रहा हू...

साहस थोडा कमज़ोर ज़रूर हुआ पर मै जिस दिशा में अपना भविष्य बनाना चाहता हू उसे मैंने अपनी रूचि के अनुरूप अपने पास मौजूद कई विकल्पों में से खुद स्वीकारा है फिर मै कैसे कमज़ोर पड़ सकता हू .... और अ़ब तकलीफों को देखकर मैंने बहुत कुछ सीखा समझा है की आगे तो इससे बहुत बड़े पहाड़ मिलेंगे ये मात्र एक चट्टान है .............सभी वरिष्ठ जनों का शुक्रिया जिन्होंने मुझ नादान को सही रास्ता दिखाया

5 टिप्‍पणियां:

  1. ant bhla to sab bhala dhiru jiwan me dhup chhav to aate hi rhte hai yhi to zindgi hai inme se agar apne ko par lga liye ti jivan safal khlata hai khair ye to abhi suruwat hai phle hi daur me duniyadari shik liye to bahut acchhi bat hai

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  2. apne aap ko itna mazboot kar lo aur aisa banalo ki taklif aaye aur chale jaaye tumhe is se farq na pade jaise anchoring ki trainning ke samay humlogo ko kaha gaya tha ki ki apna performance us level tak le jaao ki jis din achha perform na kar paao toh bhi log kuchh kah na sake aur woh saamanya se behtar ho waise hi tum apne aap ko itna mazboot kar lo ki chhoti moti baaton ka farq na pade.......

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  3. Is chhoti si umra me tumne kaha k bahut kuchh jan liya,ye sabse behtar hai.Hamesha apni dono kan ankh khuli rakhna. Apni kan se sunna aur apne hi ankh se dekhna phir nirnay par jana.Buri baton ke liye ek kan hamesha khuli rakhna,achhi baton ko lekar kadwi baton ko dusre kan se nikal dena nahi to gandi mail se tumhe dard jaroor hoga.-DADA

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  4. अभी तो तमाम उम्र बाकी है...dear.. शुरुआती दौर में यूँ थका नहीं करते ... अटल बिहारी जी की कुछ पक्तियां है जो आपके लिए सहायक सिद्ध होगी ..............
    टूटे हुए तारे से फूटे बसंती स्वर
    पत्थर की छाती में उग आया नया अंकुर
    झरे सब पीले पात
    कोयल की कुहुक रात
    प्राची में अरुणिम की रेख देख पाता हू
    गीत नया गाता हूँ
    टूटे हुए सपने की कौन सुने सिसकी
    अंतर की चिर व्यथा पलकों पर ठिठकी
    हार नहीं मानूंगा
    रार नहीं ठानूंगा
    काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ
    गीत नया गाता हूँ ......

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  5. main to tumhe badee picture samajhta tha, tum to title men hi fuss fuss karne lage. picture baaki hai mere dost. keep it up.

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