शनिवार, 1 मई 2010

हम तो यू ही चलते है चलते रहेंगे

हर राह पर चलते हुए अच्छे बुरे लोगो का सामना होता है जो हमारे कर्मो को प्रभावित करते है ये प्रभाव उन व्यक्तियों की उर्जा और नीतियों के संपर्क अनुसार कभी अच्छे तो कभी बेहद बुरे परिणाम देते है|पर आजकल बुरे प्रभाव दायक लोगो की संख्या अधिक है जो हमारे आदर्शो और सपनो को नुकसान पहुचाना चाहते है |हम सभी को इसी दुनिया में रहकर अपनी गाड़ी आगे बढ़ानी है..नकारात्मक माहौल मुश्किलें बढ़ा ज़रूर देता है..पर फिर भी अपनी तरक्की का सपना देखना ज़रूरी है नहीं तो विकास रुक जायेगा .....वो विकास जिससे हमारा और हमसे जुड़े लोगो का नाता है .....अपनी जिम्मेदारियों के एहसास के साथ हमे फिर भी चलते रहना होगा और शैतानो को मुह तोड़ ज़वाब देना होगा...................चंद पंक्तियों में मैंने इन बातो को कहने का प्रयास किया है ................................

हम तो यू ही चलते है, चलते रहेंगे
अपने सपनो के धागे बुनते रहेंगे

है मुश्किलें पर किसी तरह संभल जायेंगे
नफरतखोरो की नीव डिगा जायेंगे

अगर इमान बिक जाये तो तो ये जीना बेकार है
हर पल को जियो तो जिन्दगी पर वार है

किसी के चेहरे पे मुस्कान ला सको तो समझे लेना
ये हर ज़ालिम की हार है
दुसरो को ज़ख्म देकर वो खुद भी आगे बढ़ सकेंगे
आग के हवाले करने की कोशिश में खुद ही भीतर से सुलगते रहेंगे
ज़िन्दगी के सच्चे कदरदान उस आग में भी त़प कर सोना गढ़ते रहेंगे

है अगर सपना तो मंजिल कही कही तैयार है
राहों में अड़चन देने वाले खुद ही पिसते रहेंगे
है अगर नफरत पग पग पर तो भी वहां मोहोब्बत का अंकुरण जगा आयेंगे

हम तो यू ही चलते है चलते रहेंगे
अपने सपनो के धागे बुनते रहेंगे



विचार के साथ मै ऊपर वाले से ये दुआ करता हू की हर उस इन्सान की मदद करे जो सपना लेकर चल रहा है अच्छे कारणों के साथ अपने कर्मो पर भरोसा कर रहा है

3 टिप्‍पणियां:

  1. अगर इमान बिक जाये तो तो ये जीना बेकार है
    हर पल को न जियो तो जिन्दगी पर वार है
    सही सोच और सार्थक रचना - हार्दिक शुभकामनाएं

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  2. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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  3. जय श्री कृष्ण...आपके ब्लॉग पर आ कर बहुत अच्छा लगा...बहुत अच्छा लिखा हैं आपने.....भावपूर्ण...सार्थक

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