रूचि में भविष्य सवारना ..जल में हलचल सा लगता है
सपनों की धुंध लाहट और गाढ़ी हो जाती है
जब राह में कोई अपना बेगाना सा लगता है ..
कदम बढ़ाना और सहसा ठिठुर जाना ..शायद फितरत में नहीं
यही कारण है ..अब कदम बढ़ाना डरावना सा लगता है
..मै नकारात्मक बाते नहीं..सृजनशील , संघर्षमय अंकुरण का हाल कह रहा हूँ ..जिसे बड़ा होने के पहले तेज़ हवाओ का सामना करना पड़ता है . पर फिर ये सोचता हूँ .चाहे जो भी हो पर..कठिनाइयों को गले लगाना ..सुख खो जाने के भय से अच्छा लगता है ..जय हो मंगलमय हो
waah !
जवाब देंहटाएंbahut hi umda ........achha laga
dhanyawad sir..waise aap jab Raipur aaye thy tab hum to apki rachnao ko sun kr aapke kayal ho gaye thy....
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