मंगलवार, 25 जनवरी 2011

tiranga कितना फर्क है दोनों पीढियों में मगर ज़ज्बा वही


ये मेरी दादी है "शांतिदेवी " ..नब्बे साल की है आज जब हम गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए घर की छत पर जा रहे थे तब पापा ने कहा बेटा इस बार मै ध्वजारोहण नहीं करूँगा ..अपनी दादी से कहो उन्हें ख़ुशी मिलेगी ..पहले मैंने सोचा कि नब्बे साल कि दादी घर कि छत पर चढ़ पायेगी या नहीं ..मगर उन्होंने एक बार में ख़ुशी से हाँ बोल कर छत में चढ़ने की तैय्यारी शुरू कर दी...तिरंगा फहराने के बाद कहती है की बेटा देश की आज़ादी में लड़ने वाले देवदूत थे उनको याद करना चाहिए ...देखिये एक है मेरी दादी जो नब्बे साल की है और दूसरा है मेरा 8 साल का भतीजा आदित्य (साथ खड़ा बच्चा )कितना फर्क है दोनों पीढियों में मगर ज़ज्बा वही ...जय हिंद जय हिंदुस्तान

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