बुधवार, 21 नवंबर 2012

न्याय शांति देता है जबकि बदला पूरा होना क्रूर हंसी ..डिस्को



  1. सुप्रभात मित्रो .... आज सुबह उठते ही कसाब को दी गई फंसी पर एक अखबार के मुख्य पृष्ठ ही हैडलाइन पढ़ी - देश की इच्छा पूरी - ये सही है --- मगर जब घर से ऑफिस के लिए निकला तो एक ऍफ़ एम पर रेडिओ जाकी को बोलते सुना आज हर देशवासी का दिल डिस
    ्को कर रहा है कसाब को फांसी जो दे दी गई है .... पता नहीं क्या सोच कर ऍफ़ एम के संपादक ने आर जे की स्क्रिप ओके की होगी .... भाई हम भारतीय लोग किसी दुश्मन की मौत पर भी जश्न नहीं मानते ..ना ही डिस्को करते है ..... भले ही हम चाहते थे कि देश के दुश्मन को सजा मिले ताकि दुश्मनों को ये पता चले कि भारत नरम ही नहीं सख्ती भी दिखता है ..... ये फासी केवल उन लोगो को एक न्याय है जिन्होंने अपनी जान मुंबई हमले में गंवाई ....फंसी का स्वागत है शांति के साथ ...पर मौत पर डिस्को ..मिठाई खाना ...और फटाखे फोड़ना ...ये ठीक नहीं लगता ...फांसी ने न्याय दिया है तो स्वागत योग्य है ..यही होना चाहिए देश के दुश्मनों के साथ .. सख्ती जरुरी और बेरहमी यहाँ मज़बूरी थी क्योंकि सामने दुश्मन था ...मगर मौत पर नाचना ये क्रूरता और असभ्यता है ..... कल दिन भर फेसबुक पर लोगो के कसाब की मौत को लेकर पोस्ट अपडेट होते रहे ... दुश्मन को सजा शांति दे रही थी ...मगर आज एक दिन बाद इस फांसी पर विलंबित पोस्ट डाल रहा हूँ जब जरुरी लगा .... ( मेरी व्यक्तिगत बात है किसी को बुरी लगे तो माफ़ करना ..मुझे लगता है न्याय बदले की .. न्याय शांतिप्रिय लोगो की पसंद है जबकि बदला हिंसक और क्रूर .. जो कसाब के दिमाग में भरा गया था .. ..और न्याय शांति देता है जबकि बदला पूरा होना क्रूर हंसी ..डिस्को ) ..... जय हिन्द

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